छांगुर केस पर बोले मौलाना तौकीर: मेरी भी छवि बिगाड़ने की साजिश, संघ पर साधा निशाना
बरेली : बरेली में इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान ने भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल पर निशाना साधा है। मौलाना ने कहा कि भाजपा, आरएसएस, विहिप और बजरंग दल जैसे संगठन हिंदुस्तान का बड़ा नुकसान कर रहे हैं। हिंदुत्व का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद का जो हिंदुत्व है, वह हिंदुओं को बदनाम करने वाला है। सरकार के खिलाफ जो है, उसे ये लोग हिंदू मानने को तैयार नहीं हैं। पूरे हिंदुस्तान में असल हिंदुस्तानी को उसका हिस्सा नहीं मिल रहा है, बाहर से आए लोग मलाई खा रहे हैं।
मुझे फंसाया जा सकता है- तौकीर
तौकीर रजा ने कहा कि कल मुझे भी छांगुर की तरह फंसाया जा सकता है। मुझ पर आरोप लगा दिए जाएंगे। विदेशी फंडिंग, आईएसआई, पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा से बड़ी आसानी से कनेक्शन दिखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि छांगुर बाबा जैसे लोग गैर मुस्लिमों को मुसलमान बनाने की कोशिश न करें। हमारे यहां इसकी सख्त पाबंदी है। इश्क, प्यार-मोहब्बत, लालच, नौकरी के नाम पर कोई मुसलमान नहीं बनता। उन्होंने कहा कि गैर मुस्लिम को मुसलमान बनाने का क्या मतलब है। मुसलमान को सच्चा मुसलमान बनाना हमारी जिम्मेदारी है।
'इस्लाम बहुत पुराना मजहब नहीं'
तौकीर रजा ने कहा कि इस्लाम बहुत पुराना मजहब नहीं है, जो नया होता है लोग उसे ही अपनाते हैं। पुराना रिजेक्ट कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि हिंदुस्तान में जब इस्लाम आया तो लोग बड़ी तेजी से मुसलमान होना शुरू हो गए थे। जो हिंदू समाज के लोग मुसलमान हुए। वह अपने साथ-साथ अपने रस्मो-रिवाज लेकर आ गए। इसी वजह से गैर मुस्लिमों के रस्मो रिवाज बढ़ते चले जा रहे हैं, जिससे मुसलमान बदनाम हो रहा है। तौकीर ने कहा कि अपने मजहब का प्रचार प्रसार करना गुनाह है तो मैं गुनहगार हूं। अगर बाकी लोगों को धर्म के प्रसार प्रचार की आजादी है तो मुझे भी आजादी है, लेकिन भाजपा और आरएसएस के लोग मेरी आजादी छीनने का काम कर रहे हैं।
सपा पर साधा निशाना
मस्जिद में सपा नेताओं की बैठक पर तौकीर ने कहा कि हमने कभी मस्जिदों को सियासत के लिए इस्तेमाल नहीं किया। मैं यह नहीं मानता है कि वहां कोई मीटिंग की गई होगी, लेकिन इसका संदेश गलत गया है। मस्जिद को बदनाम करने का काम इमाम ने किया है। इसकी कड़ी निंदा की जाती है। मस्जिद इबादत की जगह है, न ही सिसायत के लिए। अगर सिसायत के लिए मस्जिद का इस्तेमाल किया गया है तो हिंदुस्तान का बच्चा-बच्चा इसका निंदा करता है।