खन्ना अस्पताल में बवाल: महिला डॉक्टर को हटाया गया पद से, जांच के आदेश जारी
खन्ना (पंजाब)। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने ड्यूटी से कोताही बरतने पर महिला डॉक्टर को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। शुक्रवार सुबह स्वास्थ्य डॉ. मंत्री बलबीर सिंह खन्ना के सिविल अस्पताल पहुंचे थे। मंत्री ने सिविल अस्पताल की गायनी डॉ. कविता को ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में सस्पेंड करने के आदेश दिए। जानकारी अनुसार कुछ दिन पहले सिविल अस्पताल में एक गर्भवती महिला मनदीप कौर इलाज के लिए आई थी। महिला दर्द से तड़प रही थी, लेकिन लेडी डॉक्टर को जब इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर ने फोन किया तो डॉक्टर कविता शर्मा ने कहा कि आप इसे रेफर कर दीजिए मैं नहीं आ सकती। इससे विवाद काफी बढ़ गया था।
गर्भवती महिला की सास चरण कौर ने बताया कि वे अमनदीप कौर को 7:30 के करीब लेकर बजे सरकारी अस्पताल पहुंचे थे, उन्होंने कहा कि हमें उसी दिन लेडी डॉक्टर ने सुबह आने को कहा था कि नॉर्मल डिलीवरी होगी आप शाम को आ जाना। जब उन्होंने रेफर करने की बात कही तो हमने कहा पिछले 9 महीने से लेडी डॉक्टर कविता शर्मा के पास इलाज चल रहा था, हम कहीं नहीं जाएंगे। डॉक्टर को बुलाए जाने के बाद भी महिला चिकित्सक ड्यूटी पर नहीं आई। इसके बाद परिवार वालों ने सरकारी अस्पताल के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस बात का पता जब खन्ना अकाली दल के इंचार्ज यादवेंद्र सिंह याद को पता चला तो वह भी अपनी टीम के साथ अस्पताल पहुंचे और सरकार के और अस्पताल के खिलाफ खिलाफ रोष व्यक्त किया।
मामला बढ़ता देख सरकारी अस्पताल के सीएमओ डॉक्टर मनजिंदर सिंह भसीन अस्पताल पहुंचे जो वह खुद एक सर्जन भी हैं उन्होंने पहुंचकर मनदीप कौर की सर्जरी की। इलाज के दौरान महिला को तो बचा लिया गया था लेकिन रेफर करने के दौरान नवजात की मौत हो गई। वहीं परिवार वालों का कहना है कि अगर एसएमओ द्वारा सर्जरी पहले की गई होती तो बच्चे की जान बच सकती थी। एसएमओ भी उस वक्त अस्पताल पहुंचे जब मामला बढ़ गया था। इसलिए नवजात की मौत के लिए अस्पताल के डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहराया गया।