हाईटेक होगी मेला व्यवस्था...
देवघर। देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक मात्र बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग में कांवरियों का जत्था सावन के महीने में लगातार एक माह तक बोल बम, बोल बम का जयकारा लगाते हुए अजयनाथ से बाबाधाम तक कांवर यात्रा करता है। बाबा बैद्यनाथ पर गंगा जल चढ़ाते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ण होने की प्रार्थना करते हैं।
यह मेला झारखंड सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण है। एक अनुमान के मुताबिक, इस साल श्रावणी मेला में 30 दिनों में 51 लाख कांवरिया आएंगे। यहां भीड़ नियंत्रण हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे में इस बार पूरा मेला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) से नियंत्रित होगा। भीड़ नियंत्रण, ट्रैफिक नियंत्रण और प्रत्येक श्रद्धालु की गिनती का काम एआइ कैमरे करेंगे।
श्रद्धालुओं को सुगम व सुरक्षित जलार्पण कराने के उद्देश्य से पहली बार इस तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। सरकार का मानना है कि हर श्रद्धालु यहां से सुखद यादें लेकर जाए। इसको लेकर एक बार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रांची में वरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं। जबकि पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार ने देवघर में दो बार बैठक कर सरकार की मंशा स्पष्ट कर दी है।
पांच जुलाई तक सारी व्यवस्था पूरी करने का टाइम लाइन तय किया गया है। उपायुक्त नमन प्रियश लकड़ा लगातार मेला व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। मेला क्षेत्र में दो सौ एआइ व 750 सामान्य कैमरे लगाए जाएंगे। जिसके लिए नेहरू पार्क में इंटीग्रेटेड मेला नियंत्रण कक्ष होगा। जहां से मेले की हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। इंटीग्रेटेड मेला नियंत्रण कक्ष में एक माह तक 24 घंटे दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी तैनात रहेंगे।
एआइ कैमरा हेड काउंटिंग व फेस रीडिंग भी करेगा
श्रावणी मेला में पहली बार एआइ कैमरा लगाया जा रहा है। एक कांवरिया पथ दुम्मा के पास टिकट काउंटर पर लगेगा। जो प्रत्येक कांवरिया का हेड काउंटिंग करेगा। इसी तरह क्यू कॉम्प्लेक्स में मंदिर के पास होल्डिंग प्वाइंट होगा। इसके बाद बाबा मंदिर के चारों मुख्य द्वार पर लगेगा।
यह कैमरा हेड काउंटिंग के साथ फेस रीडिंग भी करेगा। अगर कोई व्यक्ति खो जाता है तो उसमें भी यह मददगार होगा। लापता व्यक्ति के परिजन उसकी तस्वीर कंट्रोल रूम में बैठे मजिस्ट्रेट को दिखाएंगे तो उस तस्वीर का हर प्वाइंट पर लगे एआइ कैमरे से मिलान कर पता लगाया जाएगा कि वह किन-किन कैमरों से होकर गुजरा और अंतिम बार कहां था।
ट्रैफिक पर भी होगा नियंत्रण
अब तक सबकुछ मैनुअली चल रहा था। पुराने ढर्रे पर चल रहा था। इस बार समय के हिसाब से आधुनिक और हाईटेक होगा। झारखंड की सीमा में वाहनों के प्रवेश करते ही उनकी स्कैनिंग शुरू हो जाएगी। कितना बड़ा वाहन, छोटा वाहन, बाइक प्रवेश कर रहा है। अगर उनकी संख्या बढ़ती है तो बिहार की सीमा पर ही वाहनों को नियंत्रित किया जाएगा।
यह सब स्पीड कैमरे की मदद से होगा। स्पीड कैमरा बिहार-झारखंड की सीमा पर दर्दमारा मुख्य सड़क पर होगा। और एक ही स्पीड कैमरे से इसे नियंत्रित किया जाएगा। वाहनों की गिनती होगी। साथ ही वाहनों की गति सीमा सीमित रहेगी। अगर चालक अधिक गति से वाहन चलाएगा तो ऑनलाइन जुर्माना कट जाएगा।