महाराष्ट्र में बारिश का 'रेड अलर्ट': नदियां खतरे के निशान पर, तीन जिलों में हाई अलर्ट जारी

महाराष्ट्र के कई जिलों में लगातार हो रही है और बारिश ने यहां जन-जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. नदियों और तालाबों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे प्रशासन को अलर्ट जारी करना पड़ा है. नासिक, पालघर और पंढरपुर जिलों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है. नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है.
नासिक जिले में बीते कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण गंगापुर बांध पूरी तरह लबालब हो गया है. 23 जून की सुबह से पाटबंधारे विभाग ने नासिक शहर के कादवा नदी में 6,240 क्यूसेक्स की रफ्तार से पानी छोड़ा है. इस स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने नागरिकों और सभी सरकारी एजेंसियों को सतर्क रहने की अपील की है. प्रशासन ने खासतौर से नदी किनारे बसे लोगों को चेतावनी दी है कि वे नदी के बहाव से दूर रहें और अपने जरूरी सामान और पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर ले जाएं. किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी सरकारी तंत्रों को अलर्ट पर रखा गया है.
पालघर में उफनती नदियां
नासिक जिले के बाद पालघर जिले में लगातार हो रही मूसलधार बारिश के कारण सूर्या, वैतरणा और पिंजाल जैसी प्रमुख नदियां उफान पर हैं. इससे कई तालाब और नाले भी जलमग्न हो गए हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. जिले के दहानू, बोइसर, वाडा, जव्हार, मोखाडा, वसई-विरार और नालासोपारा क्षेत्रों में 4-5 दिनों से रुक-रुक कर तेज बारिश हो रही है. स्थिति को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने आपदा प्रबंधन की ओर से ‘अरेंज अलर्ट’ घोषित किया है और नदी किनारे बसे लोगों का विस्थापन भी शुरू कर दिया गया है.
पंढरपुर भीमा नदी उफान पर
सोलापुर जिले के पंढरपुर में स्थित भीमा नदी उजनी बांध से पानी छोड़े जाने के कारण उफान पर है. 6 जुलाई को आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर लाखों श्रद्धालु विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं. इसी को देखते हुए प्रशासन ने वारकऱियों और नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है. प्रशासन ने निगरानी बढ़ा दी है और कहा है कि कोई भी व्यक्ति अफवाहों पर ध्यान न दे, लेकिन सावधानी जरूर बरते. किसी आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों या आपदा नियंत्रण कक्ष से तुरंत संपर्क करें.