बस्ती जिले में पुलिस के ‘रक्षक’ स्वरूप पर एक बार फिर गंभीर सवालिया निशान लग गया है. आलम ये है कि पुलिस वालों की वर्दी का घमंड अब उनके सिर चढ़कर बोलने लगा है. इस बार तो हद ही हो गई. यहां एक दारोगा ने अपनी कार से बाप-बेटे को को उड़ा दिया. यानी टक्कर मार दी, जिससे वे घायल हो गए. टक्कर मारने के बाद घायलों का इलाज कराने के बजाय दारोगा ने अपनी वर्दी का पूरा फायदा उठाया.

दारोगा का नाम रितेश कुमार सिंह है. दारोगा रितेश कुमार सिंह ने पीड़ितों को टक्कर मारने के बाद धमकी दी. इसके बाद दारोगा ने संवेदनहीनता दिखाते हुए कहा, “मरे क्यों नहीं, हम तो चाहते थे कि मर जाओ!” सोचिए, सामने वाले दर्द से कराह रहे होंगे, और दारोगा उनकी मौत की कामना कर रहा है. रितेश कुमार सिंह इतने पर नहीं रुका. दारोगा ने प्रत्यक्षदर्शियों को धमकी दे डाली.

दारोगा पर एफाआईआर दर्ज

दारोगा ने प्रत्यक्षदर्शियों से कहा कि अगर थाने गए तो तुम लोगों का भी वही हाल होगा, जो बाप-बेटे का हुआ. मामले के पीड़ित, घायल लाटबक्स सिंह का कहना है कि अगर चौकी इंचार्ज हम लोगों की मदद करता तो हम लोग उसके खिलाफ मुकदमा न दर्ज करवाते. दारोगा ने मदद करने के बजाय, वर्दी का रौब दिखाया और शायद यही दारोगा को महंगा पड़ गया. अब दारोगा पर एफाआईआर हो चुकी है.

डीआईजी संजीव कुमार त्यागी ने क्या कहा?

वहीं इस मामले को लेकर पुलिस महकमे के डीआईजी संजीव कुमार त्यागी ने कहा कि उन्होंने इस पूरे मामले की जानकारी ली है. संजीव कुमार त्यागी ने कहा कि जल्द ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी. वहीं दरोगा रितेश सिंह ने बताया कि दुर्घटना हुई थी, लेकिन घायलों द्वारा अभद्रता का आरोप निराधार हैं.

दारोगा ने कहा कि मुकदमा दर्ज हुआ है. आला अधिकारी जो निर्देश देंगे उसका पालन होगा. दारोगा ने कहा कि उसने खुद घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल भिजवाया था, लेकिनअब घायल न जाने क्यों आरोप लगा रहे हैं.