शिवपुरी। श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय और चिकित्सालय शिवपुरी के दंत रोग विभाग में मंगलवार को (एंकिलोग्लोसिया) से ग्रस्त 04 वर्षीय मासूम नैन्सी के परिजन उक्त समस्या लेकर आए थे। सर्वप्रथम जांचो के पश्चात उन्हे सर्जरी के बारे में पूरी प्रक्रिया समझाई गयी। जिसे ऑपरेशन कर डेंटल के डॉ शिरस सिंह धीर सहित डॉक्टर प्रियंका डेवडिया सहित स्टाफ के साथ मिलकर यह जटिल सर्जरी की गई। 

डॉक्टर शिरस ने बताया कि अधिष्ठाता डॉक्टर डी परमहंस, अधीक्षक आशुतोष चौऋषि के कुशल मार्गदर्शन में सभी प्रारंभिक जांच के बाद मरीज़ का जीभ की गांठ, जिसे चिकित्सकीय भाषा में एंकिलोग्लोसिया के नाम से जाना जाता है, यह जीभ की हरकत को सीमित कर देती है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब ऊतक का एक बैंड, लिंगुअल फ्रेनुलम, बहुत छोटा या तंग होता है, जो अक्सर जीभ के नीचे बहुत आगे तक जुड़ा होता है। फ्रेनुलम की जकड़न जीभ की सीमा को सीमित करती है, जो खाने, बोलने और निगलने के लिए आवश्यक है। जिसे ऑपरेशन कर हमने ठीक किया है फिलहाल मरीज स्वस्थ्य है।

इसी के साथ प्रिंयका डेवडिया, सीनियर रेजिंडेट का कहना था कि जब बच्चा बोलने, निगलने या स्तनपान करने में कठिनाई महसूस करता है, तो जीभ-टाई सर्जरी की आवश्यकता होती है। यह आम जन्म स्थिति, एंकिलोग्लोसिया, ऊतक के एक प्रतिबंधात्मक बैंड द्वारा चिह्नित होती है जो जीभ को मुंह के तल से बांधती है, जिससे रोजमर्रा के कार्य प्रभावित होते हैं। इस दौरान सहा. पीआरओ राहुल अष्ठाना सहित एवं अन्य स्टाफ मौजूद रहा।