पार्षदों से सिंधिया दिल्ली में मिलेंगे 24 जून को 

शिवपुरी। नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा से असंतुष्ट और उन्हें हटाने की शपथ लेने वाले भाजपा पार्षदों को मनाने के लिए अथवा उनकी समस्या जानने के लिए केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के निर्देश पर कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी द्वारा अपने कार्यालय में बुलार्ई गई बैठक बेनतीजा रही। बैैठक के बाद बाहर निकले पार्षद ओमप्रकाश जैन ओमी से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या अब आपकी समस्या सुलझ गई तो उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि हम झुक जाऐं तो मसला हल हो जाएगा, कत्ल हमारे किरदार का हो जाएगा। उन्होंने साफ साफ कहा कि नपाध्यक्ष को हटाने की मांग से भाजपा पार्षद पीछे नहीं हटेंगे। ठीक यही बात नपा उपाध्यक्ष सरोज व्यास के  पति रामजी व्यास ने कही। उन्होंने कहा कि बगीचा सरकार के दरबार में नपाध्यक्ष को पद से हटाने की शपथ से पीछे नहीं हटा जा सकता। पार्षद विजय बिंदास और पार्षद पति रत्नेश डिम्पल जैन ने भी यही बात दोहराई। इससे साफ है कि कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी द्वारा बुलाई गई बैठक बेनतीजा रही। अब इस मामले में गेंद केन्द्रीय मंत्री सिंधिया के पाले में हैं। श्री सिंधिया के बुलावे पर भाजपा पार्षद 24 जून को दिल्ली जाकर उनके निवास स्थान पर भेंट करेंगे और इसके बाद ही नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा का भविष्य तय होगा। खास बात यह रही कि कलेक्टर द्वारा बुलाई गर्ई बैठक में सिर्फ भाजपा और निर्दलीय पार्षदों को ही आमंत्रित किया गया था। बैठक में कांग्रेसी पार्षदों को नहीं बुलाया गया। इस पर नेता प्रतिपक्ष शशि शर्मा ने आपत्ति की और कहा कि भाजपा के इस मामले में प्रशासन का क्या रौल? क्या इस मेंटर में प्रशासन को हस्तक्षेप करना चाहिए था। बैठक में भाजपा जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव तो उपस्थित थे लेकिन विधायक देवेन्द्र जैन बैठक में उपस्थित नहीं थे। 

 

पिछले कुछ दिनों से नगर पालिका परिषद के अधिकांश पार्षदों ने जिनमें कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा और निर्दलीय पार्षद भी शामिल हैं, ने नपा अध्यक्ष गायत्री शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। नपा परिषद के 39 पार्षदों में से दो दर्जन से अधिक पार्षद पिछले दिनों करैैरा के ख्याति प्राप्त बगीचा सरकार हनुमान मंदिर पर पहुंचे और यहां उन्होंने शपथ खाई की कि या तो नगर पालिका अध्यक्ष को पद से हटाया जाए अथवा वे स्वयं अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। पार्षद ने बताया कि नियमानुसार तीन साल पूर्ण होने के बाद अगस्त के प्रथम सप्ताह से अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। इस अवधि से पूर्व या तो नपाध्यक्ष को पद से भाजपा हटाए अथवा उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की स्वीकृति दे अन्यथा वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। भाजपा पार्षदों ने नपाध्यक्ष पर तमाम आरोप लगाए जिनमें भ्रष्टाचार, अनियमित्तता और पक्षपात के आरोप प्रमुख है। पार्षदों का कहना है कि अध्यक्ष की कार्यप्रणाली के चलते 39 में से कोई भी वार्ड समस्या मुक्त नहीं हो पाया है और नगर में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। पार्षदों के इस रूख के बाद भाजपा सचेत हुई और अगले ही दिन जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव और विधायक देवेन्द्र जैन ने सर्किट हाउस में भाजपा पार्षदों की बैठक बुलाई और उनसे पहले वन टू वन और फिर सामुहिक रूप से संवाद किया। बैठक के बाद जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव ने कहा कि वह पार्षदों की समस्याओं से पार्टी  आलाकमान और केन्द्रीय मंत्री सिंधिया को अवगत कराऐंगे। इसके बाद श्री जाटव ने दिल्ली जाकर श्री सिंधिया को पूरी बस्तु स्थिति से अवगत कराया और फिर बताया जाता है कि श्री सिंधिया ने पार्षदों की समस्याऐं जानने के लिए कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी को निर्देश दिए। इसके बाद कलेक्टर ने भाजपा पार्षदों की बैठक बुलार्ई और उनकी समस्याऐं जानी। इसके पश्चात कलेक्टर ने एडीएम को पूरे मामले की जांच का निर्देश दिया। 

भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा नपाध्यक्ष का पार्षदों से कोई विवाद नहीं

बैठक के बाद भाजपा जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा का पार्षदों से कोई विवाद नहीं है। अध्यक्ष और पार्षदों के बीच कोई झगड़ा नहीं है। विवाद का मुद्दा सिर्फ विकास है। कुछ वार्डों में ज्यादा काम हो गया है किसी में बिल्कुल भी काम नहीं हुआ है। कहीं टेंडर लग गए हैं, लेकिन कार्य शुरू नहीं हुआ है। कुछ प्रशासनिक फाईलें जल्दी-जल्दी चलना थी वह चल नहीं पाई है अब वह चलेंगी। उन्होंने कहा कि आज की बैठक केन्द्रीय मंत्री सिंधिया के निर्देश पर थी। श्री जाटव ने एक तरह से नपाध्यक्ष की पैरवी करते हुए कहा कि पार्षद देव स्थान पर दर्शन करने के लिए अवश्य गए थे और उन्होंने वहां हंसी मजाक भी किया था तथा बगीचा बाले सरकार के मंदिर के सामने अंटी मारकर उन्होंने शपथ खाई थी। हंसते हुए श्री जाटव का इशारा था कि अध्यक्ष को पद से हटाने की शपथ में कोई गंभीरता नहीं है। 

प्रशासन का राजनीति में हस्तक्षेप लोकतंत्र के लिए घातक: नेता प्रतिपक्ष 

नगर पालिका शिवपुरी में नेता प्रतिपक्ष शशि शर्मा ने कलेक्टर द्वारा भाजपा पार्र्षदों की बुलाई गई बैठक पर आपत्ति करते हुए कहा कि उन्हें सभी पार्षदों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए था। यदि गतिरोध सुलझाने के लिए वह पार्षदों के साथ बैठक करना चाहते थे तो उन्हें सभी पार्षदों को बैठक में बुलाना चाहिए था। शिवपुरी के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि जब प्रशासन ने राजनीति में खुला हस्तक्षेप किया है। जहां तक नपाध्यक्ष से भाजपा पार्षदों की नाराजगी का सवाल है तो हम भी तो अध्यक्ष गायत्री शर्मा की कार्यप्रणाली से नाराज है। हमसे भी प्रशासन को चर्चा करना चाहिए। श्रीमती शर्मा ने कहा कि उन्होंने कलेक्टर से मिलकर विरोध जाहिर किया इसके बाद कलेक्टर ने आठ कांग्रेस पार्षदों से चर्चा की और कहा कि नगर पालिका में जो चल रहा है वह अच्छा नहीं है। कलेक्टर ने कहा कि इस मामले में मैने राजनीति में कोर्ई हस्तक्षेप नहीं किया है। मुझ से कहा गया था कि भाजपा जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव के साथ कुछ पार्षद आपसे मिलना चाहते हैं तो मैने इसकी अनुमति प्रदान की। आगे से में ध्यान रखूंगा और पार्षदों की बैठक जब भी बुलाई जाएगी सभी पार्षदों को बुलाया जाएगा। 

नपाध्यक्ष और सीएमओ को न बुलाने पर जिलाध्यक्ष जाटव ने दी सफाई

बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा और सीएमओ इशांक धाकड़ को क्यों नहीं बुलाया गया। पत्रकारों के इस सवाल पर भाजपा जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव ने कहा कि समस्या सिर्फ पार्षदों की न की नपाध्यक्ष और सीएमओ की। सीएमओ तो नगर पालिका के बैसे ही सर्वेसर्वा हैं जब उनकी और नपाध्यक्ष की कोई समस्या ही नहीं तो उन्हें बुलाने का क्या अर्थ। श्री जाटव ने यहां तक कहा कि बैठक में कांग्रेस पार्षदों को भी बुलाया गया था। वह बोले की मैने कांग्रेस पार्षदों से हस्ताक्षर कराए थे, लेकिन उनकी इस बात का नेताप्रतिपक्ष शशि शर्मा ने खण्डन किया।