बिहार विधानसभा चुनाव की सियासी तपिश के साथ चर्चित और विवादित यूट्यूबर मनीष कश्यप ने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का दामन थाम लिया है. प्रशांत किशोर ने सोमवार को पटना के बापू भवन में प्रशांत किशोर को पार्टी की सदस्यता दिलाई. पिछले महीने मनीष कश्यप ने नाराज होकर बीजेपी छोड़ दी थी और अब जन सुराज पार्टी के साथ अपनी राजनीतिक पारी को आगे बढ़ाने का काम किया.

मनीष कश्यप का पार्टी में स्वागत करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में व्यवस्था परिवर्तन की चाहत रखने वाले सभी लोगों को साथ आना चाहिए. मनीष को साथ लेकर पीके ने भले ही अपने समीकरण को दुरुस्त करने का दांव चला हो, लेकिन इसके साथ ही उनकी अतीत की सियासी परत दर परत खोली जाने लगी है. महात्मा गांधी से लेकर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ की गई मनीष कश्यप की टिप्पणी जन सुराज पार्टी के लिए सियासी तौर पर महंगा न पड़ जाए?

बीजेपी छोड़कर पीके साथ आए मनीष कश्यप

मनीष कश्यप पिछले साल 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ही बीजेपी में शामिल हुए थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. इसके बाद उनका पार्टी से मोहभंग हो गया. 19 मई को पटना मेडिकल कॉलेज में हुई घटना के दौरान मनीष कश्यप को 3 घंटे के लिए बंधक बना लिया गया था. एक जूनियर डॉक्टर से उनकी कहासुनी के बाद कुछ डॉक्टरों ने उनके साथ कथित तौर पर मारपीट की थी. इस घटना के बाद ही उनकी नाराजगी बढ़ गई और सात जून को सीधे फेसबुक पर लाइव आकर बीजेपी को अलविदा कह दिया.

माना जाता है कि मनीष कश्यप बीजेपी नेता और नीतीश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से नाराज थे. इसीलिए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था. उन्होंने कहा था, “बीजेपी में रहकर मैं खुद को नहीं बचा पाया तो लोगों की मदद क्या करूंगा. मैंने अपना सब कुछ पार्टी को समर्पित किया लेकिन अब इस फैसले के लिए मजबूर हो गया हूं.” मनीष ने बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद प्रशांत किशोर और उदय सिंह से मुलाकात की थी, जिसके बाद ही उनके जुन सुराज पार्टी में शामिल होने की इबारत लिख दी गई थी.

मनीष कश्यप ने थामा जन सुराज का दामन

बिहार के सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर मनीष कश्यप सोमवार को प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. इस दौरान पीके ने कहा, “मनीष कश्यप सिर्फ जन सुराज के लिए एक यूट्यूबर नहीं हैं, न ही वह पूर्व बीजेपी नेता हैं बल्कि वह बिहार के बेटे हैं, जिन्होंने अपनी ताकत, कड़ी मेहनत और बुद्धिमता के जरिए अपनी खास पहचान बनाई है. अब वह बिहार के लिए कुछ करना चाहते हैं.” उन्होंने कहा कि जन सुराज पार्टी एक ऐसा मंच है, जो बिहार में योगदान देने के इच्छुक प्रत्येक युवा और व्यक्ति को अवसर प्रदान करता है.

प्रशांत किशोर ने कहा, “बिहार में व्यवस्था परिवर्तन की चाहत रखने वाले सभी लोगों को साथ आना चाहिए, क्योंकि जन सुराज प्रदेश में बदलाव लाने के लिए संघर्ष कर रही है. अगर वह (मनीष कश्यप) जन सुराज में शामिल हो गए हैं तो मैं उन्हें बिहार बदलाव के अभियान में उनकी भूमिका निभाते देखता हूं.” वहीं, जन सुराज में शामिल होने के साथ मनीष कश्यप ने कहा कि वो बीजेपी में 13 महीने रहे, लेकिन इस बार चुनाव बिहार के भाग्य का चुनाव है.

मनीष कश्यप में पीके देख रहे सियासी फायदा

मनीष कश्यप के यूट्यूब चैनल पर करीब 10 मिलियन सब्सक्राइबर हैं और बिहार के भूमिहार समुदाय से आते हैं. मनीष यूट्यूब के जरिए अपनी आवाज उठाते रहते हैं और उनका यूट्यूब सबस्क्राइबर बेस मजबूत है. इन सबस्क्राइबर में आधे से ज्यादा बिहार के बाशिंदे या प्रदेश से बाहर रह रहे बिहारी हैं. प्रशांत किशोर को मनीष के आने से सियासी फायदा मिलने की उम्मीद है. मनीष अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए नैरेटिव गढ़ते हैं, जिसका लाभ पाने के लिए पीके ने उन्हें अपने साथ मिलाया है.

विवादास्पद यूट्यूबर मनीष कश्यप भूमिहार जाति से आते हैं. जेल जाने से लेकर बीजेपी में शामिल होने तक उनका राजनीतिक करियर उतार-चढ़ाव वाला रहा है. लेकिन बिहार में जाति पॉलिटिक्स उन्हें बिहार चुनाव में जन सुराज के सियासी खांचे में फिट बैठा रही है. मनीष उत्तर बिहार के बेल्ट में जन सुराज को सियासी तौर पर मजबूती दे सकते हैं. कश्यप के जरिए प्रशांत किशोर एक बड़ा भूमिहार कार्ड खेल सकते हैं.

मुजफ्फरपुर और बेगूसराय जैसे क्षेत्रों में भूमिहार वोटरों का दबदबा है और कश्यप की लोकप्रियता युवाओं को आकर्षित कर सकती है, लेकिन मनीष कश्यप सरकार विरोधी पब्लिसिटी में ज्यादा माहिर हैं. ऐसे में उनकी यही स्ट्रैटेजी प्रशांत किशोर के लिए भूमिहार वोटों को जोड़ने में मास्टर स्ट्रोक बन सकती है, लेकिन जन सुराज पार्टी में आने से मुस्लिम और दूसरे सेकुलर वोटों का गणित गड़बड़ाने का खतरा है.

पीके का गड़बड़ा न जाए मुस्लिम समीकरण

बिहार की सियासत में प्रशांत किशोर मुस्लिम वोटों को साधने के लिए तमाम जतन कर रहे हैं, लेकिन मनीष के जन सुराज पार्टी में शामिल होने के बाद, जिस तरह से उनके अतीत में दिए गए बयानों को सोशल मीडिया में वायरल किया जा रहा है, वो प्रशांत किशोर के लिए चिंता का सबब बन सकती है. उन्होंने जब अपना यूट्यूब चैनल बनाया था, तो पूरी तरह से उसे मुस्लिम विरोध के एजेंडे पर रखा था. मुसलमानों को लेकर तमाम विवादित और आपत्तिजनक बयान भी दिए थे, जिन्हें अब उनके विरोध सोशल मीडिया के जरिए रख रहे हैं.

मनीष कश्यप के अतीत में दिए गए बयान जन सुराज पार्टी के लिए सियासी टेंशन बन गए हैं. मुस्लिम समुदाय ही नहीं बल्कि महात्मा गांधी को लेकर भी विवादित टिप्पणी कर चुके हैं. वह हिंदू पुत्र संगठन से जुड़े हुए थे. इस संगठन पर मुस्लिम विरोधी हिंसा का आरोप लग चुका है और पटना एवं हाजीपुर में कई मामले इसके खिलाफ दर्ज हैं.

हिंदू पुत्र संगठन उन 18 संगठनों में से एक था, जिनका ब्योरा बिहार पुलिस की विशेष शाखा ने मई 2019 में मांगा था. आरजेडी के तमाम समर्थक मनीष कश्यप के पुराने वीडियो और सोशल मीडिया के पोस्ट को लेकर प्रशांत किशोर से सवाल पूछ रहे हैं.

महात्मा गांधी की हत्या पर मनीष कश्यप का जश्न

प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी की बुनियाद महात्मा गांधी के जन सुराज के सिंद्धात पर रखा है, लेकिन मनीष कश्यप को पार्टी में लेने के बाद पीके की सियासत पर सवाल उठ रहे हैं. मनीष कश्यप ने अपने दोस्त रवि पुरी और अमित सिंह के साथ एक वीडियो बनाई थी. बेतिया में महात्मा गांधी को लेकर मनीष कश्यप ने अपने दोस्तों के साथ काफी बुरा भला कहा था. इतना ही नहीं गांधी की हत्या को जायज ठहरा रहे थे और नाथू राम गोडसे के कदम का समर्थन किया था.

मनीष कश्यप वीडियो में महात्मा गांधी की मौत पर हम लोग जश्न मनाने की बात कर रहे थे, इस मामले में उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी. गांधी की मौत को सेलिब्रेट करने वाले मनीष कश्यप अब प्रशांत किशोर के हाथों जनसुराजी हो गए हैं. जनसुराज के झंडे में लगी तस्वीर महात्मा गांधी की है, ऐसे में मनीष को पार्टी में लिए जाने से लोग सवाल उठा रहे हैं. सोशल मीडिया पर पीके की राजनीति पर सवाल भी किया जा रहा है कि प्रशांत किशोर सिर्फ महात्मा गांधी के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं और वह अपनी राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं. इस तरह सेकुलर वोटों के जन सुराज से छिटकने का खतरा मंडराने लगा है.